31. 'हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत कर जुट जाना होगा|' उपयुक्त ववाक्य से बना संयुक्त वाक्य होगा
34. नारायण मूर्ति, ग्राहम बेल आदि के उदाहरण क्यों दिए गए हैं?
निर्देश (प्र.सं. 130-135) नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए| अधिकतर लोगों की यही शिकायत होती है कि उन्हें पनपने के लिए सटीक माहौल व संसाधन नहीं मिल पाए, नहीं तो आज वे काफी आगे होते और आज भी ऐसे कई लोग हैं, जो संसाधन और स्थितियों के अनुकूल होने के इन्तजार में खुद को रोके हुए हैं| ऐसे लोगों के लिए ही किसी विद्वान ने कहा है – इन्तजार मत कीजिए, समय एकदम अनुकूल कभी नहीं होता| जितने संसाधन आपके पास मौजूद हैं उन्हीं से शुरुआत कीजिए और आगे सब बेहतर होता जाएगा| जिनके इरादे दृढ़ होता हैं, वे सीमित संसाधनों में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाते हैं| नारायणमूर्ति ने महज दस हजार रूपये में अपने छः दोस्तों के साथ इन्फोसिस की शुरुआत की और आज इन्फोसिस आईटी के क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी है| करौली टैक्स, पहले अपने दाएँ हाथ से निशानेबाजी करते थे, मगर उनका वह हाथ एक विस्फोट में चला गया| फिर उन्होंने अपने बाएँ हाथ से शुरुआत की और 1948 व 1950 में ओलम्पिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया| लिओनार्दो द विंची, रवीन्द्रनाथ टैगोर, टॉमस अल्वा एडिसन, टेलीफोन के आविष्कारक ग्रैहम बेल, वॉल्ट डिज़्नी- ये सब अपनी शुरूआती उम्र में डिस्लेक्सिया से पीड़ित रह चुके हैं, जिसमे पढ़ने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, फिर भी ये सभी अपने-अपने क्षेत्र के शीर्ष पर पहुँचे| अगर ये लोग भी इसी तरह माहौल और संसाधनों की शिकायत और इन्तजार करते, तो क्या कभी उस मुकाम पर पहुँच पाते, जहाँ वे मौजूद हैं? अगर हमने अपना लक्ष्य तय कर लिया है, तो हमें उस तक पहुँचने की शुरुआत अपने सीमित संसाधनों से ही कर देनी चाहिए| किसी इन्तजार में नहीं रहना चाहिए| ऐसे में इन्तजार करना यह दर्शाता है कि हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नहीं हैं| इसलिए हमें अपनी इच्छशक्ति को मजबूत कर जुट जाना होगा| इन्तजार करेंगे, तो करते रह जाएँगे|
35. 'इन्तजार करेंगे तो करते रह जाएँगे' कथन का तात्पर्य है